Tuesday, August 19, 2008

रसरी आवत जात सील पर पडत निशान


घर के पत्ते पत्ते ...पेड पौधे ..आस पास का पूरा वातावरण राम.... राम की गूंज कर रहा है । खिले खिले फूलो की खुशबू भी जैसे सिर्फ़ परम ब्रह्म की ओर उठ रही हो.ऐसा महसूस हो रहा है मानो मैं किसी देवतालाब में एक कमल के सामान हुँ , जो हर सु .......... से उठते हुए राम नाम की साक्षी मात्र हैं ।
आमीन
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1 comment:

Anonymous said...

:-)

AS SALAM WALEKUM.....BAHOT KHOOB