Saturday, November 15, 2008

मेरी आँखों में तेरी आँखों का
नूर समां जाए ,
मेरे लबो पे तेरा संगीत समां जाए ,
तेरे हुस्न की सारी रवायत ,
मेरा हुस्न हो जाए ,
में क्या कहूं तोसे
ऐ परवरदिगार
मेरे मिटने की हर बात
तेरे होने से हो जाए .

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