जब जब भीतर यह एहसास हो की ..मुझे स्वं की खोज करनी हैं .मुझे मिटना हैं ....ध्यान में बैठने का मन होने लगे तो समझ लेना की प्रभु तुम्हे पुकार रहे हैं . यह पूरा ब्रह्म्हांड तुम्हे अपने आगोश में ले तुम्हे मिटा ..तुम्हे पूरण रूप के दर्शन करना चाहता हैं. इस घटना का एहसास तो हर एक आत्मा को महसूस करना हैं ....पर इस पल तुम बेहद सौभागशाली हो ..........स्वं को मिटा कर स्व में ही मिल जाना का आनंद हजारो जन्मो में भी जीवन जी लेने से भी कही ज्यादा मीठा होता हैं। सीप छुपा अनमोल मोती .....
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