.श्री रामजी का मंदिर दीयो से जगमगा रहा था . उस मंदिर की महिमा अपरंपार थी .उसी मंदिर के अँधेरे कोने में हजारो बिन जले नए दीये रखे थे . अँधेरे कोने में रखे दीये रोज़ ही प्रभु राम के चरणों में जले दीये को देखते और सोचते की वह कितने सौभाग्य शाली हैं . वो दीये खास हैं . उनके भीतर जलती हुए लौ हैं...वह रौशनी से परिपूरण इस लिए वह श्री राम के चरणों में हैं .
हम में ऐसी बात नहीं .हम में जलने की योगता ही नहीं .रोज़ ही अपनी किस्मत पर रोते .पर उनमें एक दीया था जिसकी नज़र प्रभु के चरणों में जले दीपकों से हटती ही न थी .उसे पूर्ण विश्वास था की एक दिन वह श्री राम के चरणों में रखा जायेगा ....
एक दिन अचानक ही बिन जले दीयो के बीच वह दीया जल उठा .....
उस के लौ से पूरा कोना जगमगा उठा . सारे दीये अचंभित थे .उसकी रौशनी और
लावण्य से वशीभूत एक बिन जला दीया धीरे धीरे उसकी और खिचता गया .दीपक से दीपक मिला और बुझे हुए दीपक में भी लौ जल उठी . हजारो सालो से जो कल्पित भाव दीयो में था की उनमे जलने की योग्ता ही नहीं वह हिल चुकी थी .फिर क्या था दीप से दीप मिलते चले गए ....कोना कोना जगमगा उठा ........
तुम भी एक ऐसे ही दीये हो .मन में कल्पित भाव की जलने वाले खास हैं उनमें कोई खास बात थी जो मुझे में नहीं हैं .यही तुम्हारे व्यवधान ,तुम्हारे लिए रुकावट बन जाता हैं . यह मन में विश्वास रखो की हर एक दीये को प्रभु ने रचा हैं और हर एक दीये में उसने अपनी लौ डाली हैं . अगर एक जल उठा तो सब जल उठेगे .......
_()_ हरी ॐ
हम में ऐसी बात नहीं .हम में जलने की योगता ही नहीं .रोज़ ही अपनी किस्मत पर रोते .पर उनमें एक दीया था जिसकी नज़र प्रभु के चरणों में जले दीपकों से हटती ही न थी .उसे पूर्ण विश्वास था की एक दिन वह श्री राम के चरणों में रखा जायेगा ....
एक दिन अचानक ही बिन जले दीयो के बीच वह दीया जल उठा .....
उस के लौ से पूरा कोना जगमगा उठा . सारे दीये अचंभित थे .उसकी रौशनी और
लावण्य से वशीभूत एक बिन जला दीया धीरे धीरे उसकी और खिचता गया .दीपक से दीपक मिला और बुझे हुए दीपक में भी लौ जल उठी . हजारो सालो से जो कल्पित भाव दीयो में था की उनमे जलने की योग्ता ही नहीं वह हिल चुकी थी .फिर क्या था दीप से दीप मिलते चले गए ....कोना कोना जगमगा उठा ........
तुम भी एक ऐसे ही दीये हो .मन में कल्पित भाव की जलने वाले खास हैं उनमें कोई खास बात थी जो मुझे में नहीं हैं .यही तुम्हारे व्यवधान ,तुम्हारे लिए रुकावट बन जाता हैं . यह मन में विश्वास रखो की हर एक दीये को प्रभु ने रचा हैं और हर एक दीये में उसने अपनी लौ डाली हैं . अगर एक जल उठा तो सब जल उठेगे .......
_()_ हरी ॐ
No comments:
Post a Comment