Friday, October 31, 2008

भीतर के दीये की महिमा

एक दिन एक बच्चे ने पुछा "गहरे अंधेरे में मै कैसे आगे बढुँ ? "


और स्वतः ही जवाब उभर कर आया


भीतर के दीये के सहारे ,


अपने भीतर के दीये के


रूबरू हो जाओ ,(तुम्हारा गुरु तुम्हारे भीतर छिपा है )


जैसे जैसे आगे बढ़ते जाओगे


दुँढने वाला गिरता जाएगा


दीये का प्रकाश बढ़ता जाएगा


केवल प्रकाश ही रह जाएगा


और


यही प्रकाश तुम हो


सिर्फ़


प्रकाश


हो ..

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