एक दिन एक बच्चे ने पुछा "गहरे अंधेरे में मै कैसे आगे बढुँ ? "
और स्वतः ही जवाब उभर कर आया
भीतर के दीये के सहारे ,
अपने भीतर के दीये के
रूबरू हो जाओ ,(तुम्हारा गुरु तुम्हारे भीतर छिपा है )
जैसे जैसे आगे बढ़ते जाओगे
दुँढने वाला गिरता जाएगा
दीये का प्रकाश बढ़ता जाएगा
केवल प्रकाश ही रह जाएगा
और
यही प्रकाश तुम हो
सिर्फ़
प्रकाश
हो ..
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