Thursday, September 4, 2008

प्रभु जी मोहे चाकर राखो जी ,
चाकर राखो ..चाकर राखो ....चाकर राखो जी,
प्रभुजी मोहे चाकर राखो जी।
युही झूम झूम के मस्त हो के कितने ही तेरी पुकार पे मिटते चले गए ,
जाने कितने जायेगे
यह कभी न ख़तम होने वाले सुर हम न सुनते हुए भी जाने कितनी बार सुनेगे ।
युही मिट मिट प्रभु जी तेरे सुर गाने हर बार जनम लेगे .



1 comment:

Anonymous said...

rakh liye jeeee....:-)